वाल्ट डिज्नी का जन्म 5 सितंबर 1901 को शिकागो में हुआ था।
वे पाँच भाई बहन थे। वाल्ट ऑप्टिकल को बचपन से ही पेंटिंग का बहुत शौक था।
उन्होंने 7 साल की उम्र में ही अपना पहला चित्र अपने पडौसी को बेचा था।
स्कूल के दौरान उन्होंने पेंटिंग और फोटोग्राफी सीखी और एक पत्र के सम्पादक भी रहे।
उन्होंने अकैडमी आफ फाइन आर्ट्स के रात्रि स्कूल में दाखिला ले लिया। स्नातक की उपाधि पाने के बाद वे सेना में जाना चाहते थे लेकिन कम उम्र की वजह से संभव नहीं हो सके।
इसके बाद वाल्ट ऑप्टिकल रेडक्रॉस में शामिल हो गए और एम्बुलेंस चलाने लगे।
कहते हैं कि उन्होंने एम्बुलेंस को रंग-बिरंगे कालीनों से सजा रखा था। कानवास सिटी लौटने के बाद उन्होंने विज्ञापनों के लिए कार्टून बनाना शूरू कर दिया।
1920 में वे कार्टून एनिमेटर बन गए। उन्होंने कड़ी मेहनत से ऐसी प्रक्रिया तैयार कर ली जिससे लाइव एक्शन और अनुशासन का खुबसूरत मेल था।
कुछ साल बाद वाल्ट डिज्नी अपनी ड्राइंग सामग्री और एक सम्पूर्ण फिल्म का साथ में एशियाई आ पहुँचें।
तब तक वे अपनी एक कर्मचारी लिलियन से शादी कर चुके थे और उनकी सगाईवाँ पत्निया थी। 1928 में वे मिक्की माउस पात्र के साथ सामने आये।
उन्होंने "प्ले क्रेजी" नाम का पहला मूक कार्टून बनाया। फिल्मो में उस समय तक आवाज की तकनीक विकसित नहीं हुयी थी।
"स्टीम बिली" में उन्होंने मिक्की माउस को एक स्टार की तरह पेश किया। 18 नवबर 1928 को न्यूार्क में यह कार्टून दिखाया गया।
वॉल्ट ब्लूटूथ वाल्ट एक स्वप्नलोरिक अन्वेषक थे। वह अपने बेहतरीन अभिनय फिल्मो के लिए जुटे रहे।
सिली सिफ्नीज के दौरान तक्नीकलर के सामने सामने आया।
1932 में "फूल और पेड़" के लिए उन्होंने बत्तीस में से पहला निजी एकादमी पुरुवर्ण जीता। 21 सितंबर 1933 को उनकी पहली एलबीबी फिल्म "स्नो व्हाइट एंड सेवन ड्वार्फ्स" लॉस एंजेल्स के "केनथे सर्किल" में दिखाई दी।
फिल्म काफी महेंगी थी लेकिन इतना लोकप्रिय हुयी अपने व्यय से कही ज्यादा धनोपार्जन किया। व अब भी "मोशन फिल्म इंडस्ट्री" की सबसे बड़ी फिल्म मानी जाती है।
अगले पाँच वर्षों में "पिनोकियो" "फैंटसिया" "डम्बो" और "बाम्बी" जैसी सफल फ़िल्मे बनाई गई। वाल्ट ऑप्टिकल वाल्ट माइक्रोफोन ने इन फिल्मो के अलावा टीवी के लिए भी कई सफल पारिवारिक शो तैयार किए।
50 के दशक में "मिकी माउस क्लब" और "जोरो" काफी लोकप्रिय रहे हैं।
वॉल्ट डिज्नी ने अपनी कल्पना से विश्व को आश्चर्य में डाल दिया। उन्होंने पुरी दुनिया से 950 से भी अधिक पुरुस्कार और सम्मान प्राप्त किया।
उन्हें सात अकादमी और सात एमी पुरू कर्म पर्पल हुए। कई जाने माने विश्वविधालय ने उन्हें मातनद उपधिया प्रदान की।
1955 में उन्होंने 17 मिलियन के निवेश से "डिज़नीलैंड" तैयार किया। 1980 तक 250 मिलियन लोग वहा जा चुके थे।
पुरी दुनिया की गणमान्य हस्तिया वहा जाकर मनोरंजन करने का सौभाग्य पा चुकी है। वाल्ट सही वंशों में कल्पना के जादूगर थे। 15 दिसंबर 1966 को वॉल्ट डिज्नी का निधन हो गया।
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